***~ॐ~***
*श्री गुरुवे नमः*
*- - - -*
६४/१२४ - समय को अमूल्य समझकर प्रत्येक श्वांस को भाव सहित श्री भगवान् के स्मरण तथा ध्यान में लगाए रहने का अभ्यास तथा साधन करते रहने से मनुष्य को सदाचार की प्राप्ति होकर यथार्थ कर्त्तव्य पालन तथ सेवा करने की शक्ति प्राप्त होती है ।
- समर्थ सद्गुरु श्री श्री भवानी शंकर जी महाराज (पूज्य चच्चा जी), उरई ।
पूज्य गुरुदेव हम सब पर कृपा करे।
ॐ शांति शांति शांति।
🌹🌹🌹🌹🌹 * *
No comments:
Post a Comment