***~ॐ~***
*श्री गुरुवे नमः*
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७१/१२४ - जो सच्चे सुख की चाहना रखता हो उसे दीन , अनाथ , दुखियों और पीड़ित प्राणियों की निःस्वार्थ सेवा करते हुए उनके ह्रदय मंदिर में अपने इष्टदेव श्री भगवान् के दर्शन करते रहना चाहिए ।
- समर्थ सद्गुरु श्री श्री भवानी शंकर जी महाराज (पूज्य चच्चा जी), उरई ।
पूज्य गुरुदेव हम सब पर कृपा करे।
ॐ शांति शांति शांति।
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