***~ॐ~***
*श्री गुरुवे नमः*
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८९/१२४ -जिस स्थान पर सत्संग, पूजा-पाठ, उपदेश ज्ञान चर्चा तथा श्री भगवान् की कथा का निरूपण हो रहा हो वहां किसी से बातचीत करना या कानाफूसी करना महान पाप तथा असभ्यता है । ऐसे पवित्र स्थान पर पहुंचकर चुपचाप बैठकर अपने महान पुण्य का उदय समझकर सत्संग-लाभ प्राप्त करने में ही अपना सारा समय व्यतीत करना चाहिए ।
- समर्थ सद्गुरु श्री श्री भवानी शंकर जी महाराज (पूज्य चच्चा जी), उरई ।
ॐ शांति शांति शांति।
🌹🌹🌹🌹🌹 * *पूज्य गुरुदेव हम सब पर कृपा करे।
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