***~ॐ~***
*श्री गुरुवे नमः*
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७७/१२४ - श्री भगवान् की भक्ति ही सबसे श्रेष्ठ धर्म है और वही परमानन्द तथा पूर्ण शांति का स्थान है । अतएव प्रत्येक प्राणी का धर्म है कि वह श्री भगवान् की भक्ति की प्राप्ति के लिए नित्य प्रति किसी न किसी प्रकार का कोई एक आध्यात्मिक अभ्यास तथा जन साधारण की निःस्वार्थ सेवा करते रहने का साधन अवश्य ही करता रहे ।
- समर्थ सद्गुरु श्री श्री भवानी शंकर जी महाराज (पूज्य चच्चा जी), उरई ।
पूज्य गुरुदेव हम सब पर कृपा करे।
ॐ शांति शांति शांति।
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