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Saturday, 8 October 2016

(भाग ६८/१२४) - "कर्त्तव्य पालन अवं सदाचार"


🌻🌻🌻🌻🌻
🌻***~ॐ~***🌻
🌻*श्री गुरुवे नमः*🌻
🌻*-🌷-🌷-🌷-*


६८/१२४ -  सदाचार और दुराचार का विचारों से घनिष्ठ सम्बन्ध है । विचारों की उत्पत्ति मन से है इसलिए सभ्य तथा सदाचारी बनने के लिए मन को श्री भगवान के चरणों में लगाकर अच्छे कार्यों की ओर प्रेरित करना चाहिए ।

- समर्थ सद्गुरु श्री श्री भवानी शंकर जी महाराज (पूज्य चच्चा जी), उरई । 

🌻*🌷*पूज्य गुरुदेव हम सब पर कृपा करे।
🌻🌻🌻 ॐ शांति शांति शांति।
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