***~ॐ~***
*श्री गुरुवे नमः*
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८८/१२४ - जब कोई मनुष्य श्री भगवान् की उपासना तथा पूजा कर रहा हो तो उस समय आवश्यकीय कार्य होने पर भी किसी को उसके सामने न जाना चाहिए और न ही ऐसी कोई बातचीत, शब्द तथा आहत को प्रयोग में लाना चाहिए की जिससे उसका मन पूजा से विचलित हो जावे | क्योंकि उस समय वह एक ऐसे की सेवा में है की जिससे बढ़कर सारे ब्रह्मांडों में दूसरी कोई दिव्य तथा उत्तम शक्ति नहीं है |
- समर्थ सद्गुरु श्री श्री भवानी शंकर जी महाराज (पूज्य चच्चा जी), उरई ।
ॐ शांति शांति शांति।
🌹🌹🌹🌹🌹 * *पूज्य गुरुदेव हम सब पर कृपा करे।
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