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Thursday, 24 August 2017

आजकल लोग साधना तो करते है और कठोर से कठोर साधना करने को तैयार रहते है लेकिन उनकी यह साधना व्यवहार में परिलक्षित नही होती।

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🌻***~ॐ~***🌻
🌻*श्री गुरुवे नमः*🌻
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🌻"परम् पूज्य पापाजी ने सत्संग के दौरान बताया कि-

🌻"आजकल लोग साधना तो करते है और कठोर से कठोर साधना करने को तैयार रहते है लेकिन उनकी यह साधना व्यवहार में परिलक्षित नही होती।पूज्य गुरुदेव श्री चच्चा जी महाराज ने आध्यात्मिकता एवम् सांसारिकता का एक आदर्श रूप प्रस्तुत किया।उन्होंने कहा कि अध्यात्म मार्ग पर चलने का यह तात्पर्य नही कि हम अपने सांसारिक कर्तव्यों को भूल जाये उनसे विमुख हो जाये।

🌻"परम् पूज्य चच्चा जी महाराज ने अपने अमृत वचन में कहा भी है --
🌻"""जैसा रामायण में कहा गया है-

"महा अजय संसार रिपु,जीत सके सो वीर।
संसार महा अजय है वीर वही है जो इस संसार को जीत ले।दरअसल में इसका जीतना कठिन है इसी को जीतने के वास्ते हम लोग पूजा वगैरह करते है तो सवाल यह है कि यह कैसे जीता जाये।
इसके वास्ते यह है कि पूजा साधना या अभ्यास करने के साथ साथ इस बात पर भी निगरानी रखनी चाहिए की हमारा व्यवहार ठीक है की नही तथा हम अपने कर्तव्यों और दायित्वों को पूरी तरह से अदा कर रहे है कि नही।मान लीजिये अगर हमको ईश्वर के दर्शन हो भी जावे लेकिन हमारा व्यवहार ठीक नही है तो कोई खास फायदा नजर नही आता।
दरअसल में पूजा करने का असर जो हो वह व्यवहार से ही पता चलता है।"""🌻
🌻*🌷परम् पूज्य गुरुदेव सब पर कृपा करे।🌷*🌻
🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻(क्रमशः)🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻

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