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Monday, 21 August 2017

महान तपस्या व कठोर परिश्रम के फलस्वरूप ही सद्गुरु की प्राप्ति होती है

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🌻***~ॐ~***🌻
🌻*श्री गुरुवे नमः*🌻
🌻*🌷--🌷--🌷*🌻
🌻"परम् पूज्य पापाजी बताते थे कि–
🌻"महान तपस्या व कठोर परिश्रम के फलस्वरूप ही सद्गुरु की प्राप्ति होती है।हम लोगो का बड़ा सौभाग्य है कि हम लोगो को बिना परिश्रम के ही सदगुरुदेव की प्राप्ति हुई है।प्रस्तुत है सदगुरुदेव श्री चच्चा जी महाराज की दिव्य वचनो के कुछ अंश –
1 – कोई भी व्यक्ति किसी भी आपत्ति और मुसीबत में अपना दुख बताता है तो सद्गुरु उसको इतना आत्मबल दे देते है कि वह अपने प्रारब्ध कर्मो को आसानी से भोगते हुए ईश्वरीय मार्ग से विचलित न हो।
2 – सद्गुरु का कार्य संसार से निकालने का है न कि उसको संसार में फंसाने का।
3 – कर्म और फल का सिद्धान्त अटल है।उसी के अनुसार प्रारब्ध बनता है कि जिसको भोगने के लिए मनुष्य को जन्म लेना पड़ता है।सद्गुरु का काम आसानी से भोग चुकता करा देने का है,ब्याज पर ब्याज चढ़ाने का नही।"
🌻*🌷परम् पूज्य गुरुदेव सब पर कृपा करे।🌷*🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻(क्रमश:)🌻🌻🌻🌻🌻🌻

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