🌻"पूज्य पापाजी की वचनो की श्रृंखला की
🌻* सातवी कड़ी *
प्रस्तुति–
🌻"कुछ लोग यह प्रश्न उठा सकते है जब सब कुछ पूर्व जन्मों के कर्मो का फल है और उसे भोगना ही है तो फिर गुरु की क्या आवश्यकता है। यहाँ मै पुनः स्पष्ट रूप से यह कहना चाहूँगा कि प्रत्येक के जीवन में गुरु का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है क्योकि वे ही जीवन के वास्तविक लक्ष्य की ओर अग्रसर करते है तथा पूर्व जन्म के संस्कारो को काटने के साथ ही आगे के कर्मफल के संस्कारो को बनने से रोकते है तब ही हम इसी जन्म में सब कुछ भोग कर जन्म मृत्यु के बन्धन से मुक्त होकर उस परमपिता में लीन हो पाते है जिनके हम अंश है।
कर्म बन्धन के तथ्य को और स्पष्ट इस तरह से किया जा सकता है..................(क्रमशः)"
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