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Monday, 23 April 2018

किसी संस्कार को टाला नहीं जा सकता है बल्कि उसके भोगने में फायदा है । और वह किसी न किसी तरह से भोगना ही पड़ेगा

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🌻***~ॐ~***🌻
🌻*श्री गुरुवे नमः*🌻
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🌻"परम् पूज्य गुरुदेव श्री चच्चा जी महाराज के 
🌻"दिव्य वचनो की श्रृंखला की –
🌻"अगली प्रस्तुति"🌻
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🌻"पूज्य चच्चा जी ने किस्सा सुनाते हुए आगे कहा कि–
🌻" कहने का मतलब यह है कि यह काम आसान नहीं है कि हर आदमी दूसरे की मुसीबत को अपने ऊपर ले ले और उसको भुगते ।
ऐसे लोग बहुत कम या विरले ही हुआ करते हैं जो ऐसा करते हैं। इससे यह भी मतलब निकलता है कि किसी संस्कार को टाला नहीं जा सकता है बल्कि उसके भोगने में फायदा है ।
और वह किसी न किसी तरह से भोगना ही पड़ेगा ।हां इतना जरूर हो सकता है संत महात्मा इसको बर्दाश्त करने की ताकत दे देते हैं ताकि वह आसानी से भोगे जा सके।"🌻(क्रमशः)
🌻*🌷परम् पूज्य गुरुदेव सब पर कृपा करे।🌷*🌻
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