





















एक रेलवे में एक बाबू थे ।उनके मकान के करीब में एक साधु महाराज आए और ठहर गए। तमाम आदमी उनके पास जाने लगे और वह भी अपने दोस्तों के साथ उनके पास जाते रहे ।इस दौरान उनके लड़के को माता निकल आयी। दिन ब दिन उसकी हालत खराब होती गई।
तमाम दोस्त वगैरह उसको देखने आते हैं और कहते कि महात्मा जी से इसका जिक्र क्यों नहीं किया।
मगर वह इस बात को टाल जाते। घर में पत्नी ने कहा कि तुम इसका जिक्र महात्मा जी से क्यों नहीं करते।
उन्होने कुछ नहीं सुना ।इसके बाद उनकी स्त्री ने किसी नौकर के द्वारा यह बात उनके मित्र से कहलायी कि वे महात्मा जी से उसकी बीमारी के बारे में बताए एवम उनको यहां पर लिवा लाये।
दूसरे दिन जब वह उनके महात्मा जी के पास गए उन्होंने लड़के की सारी हालत बताई और घर पर चलने को कहा।थोड़ी देर बाद महात्मा जी चलने के लिए तैयार हो गए।घर पहुँच कर देखा लड़के का बुरा हाल था।
उसकी माँ पैरों पर गिर पड़ी और महात्मा जी से उसको ठीक करने की प्रार्थना करने लगी।
महात्मा जी ने उसकी चारपाई के 3 चक्कर लगाए नौकर से कहा कि उनका कंबल उनके घर से उठा ले आये और आप एक पीपल के पेड़ के नीचे कंबल ओढ़ कर सो रहे।
2 दिन बाद में लड़का ठीक हो गया और महात्मा जी की वैसे ही बड़ी माता निकल आई ।एक हफ्ते तक बेहोश पड़े रहे। धीरे-धीरे दोनों बिल्कुल ठीक हो गये।"
🌻(क्रमशः)
तमाम दोस्त वगैरह उसको देखने आते हैं और कहते कि महात्मा जी से इसका जिक्र क्यों नहीं किया।
मगर वह इस बात को टाल जाते। घर में पत्नी ने कहा कि तुम इसका जिक्र महात्मा जी से क्यों नहीं करते।
उन्होने कुछ नहीं सुना ।इसके बाद उनकी स्त्री ने किसी नौकर के द्वारा यह बात उनके मित्र से कहलायी कि वे महात्मा जी से उसकी बीमारी के बारे में बताए एवम उनको यहां पर लिवा लाये।
दूसरे दिन जब वह उनके महात्मा जी के पास गए उन्होंने लड़के की सारी हालत बताई और घर पर चलने को कहा।थोड़ी देर बाद महात्मा जी चलने के लिए तैयार हो गए।घर पहुँच कर देखा लड़के का बुरा हाल था।
उसकी माँ पैरों पर गिर पड़ी और महात्मा जी से उसको ठीक करने की प्रार्थना करने लगी।
महात्मा जी ने उसकी चारपाई के 3 चक्कर लगाए नौकर से कहा कि उनका कंबल उनके घर से उठा ले आये और आप एक पीपल के पेड़ के नीचे कंबल ओढ़ कर सो रहे।
2 दिन बाद में लड़का ठीक हो गया और महात्मा जी की वैसे ही बड़ी माता निकल आई ।एक हफ्ते तक बेहोश पड़े रहे। धीरे-धीरे दोनों बिल्कुल ठीक हो गये।"




















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