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Friday, 9 June 2017

प्रस्तुत है परम् पूज्य गुरुदेव श्री चच्चा जी महाराज की आत्मकथा के कुछ अंश उन्ही के शब्दों में

🌻🌻🌻🌻🌻🌻
🌻***~ॐ~***🌻
🌻*श्री गुरुवे नमः*🌻
🌻*-🌷-🌷-🌷-*🌻
🌻 परम् पूज्य गुरुदेव श्री चच्चा जी महाराज की 🌻
🌻अपने परम् पूज्य गुरुदेव श्री लालाजी महाराज से🌻
🌻मिलन की पृष्ठभूमि🌻
🌻"परम् पूज्य पापाजी सत्संग के दौरान अक्सर पूज्य गुरुदेव श्री चच्चा जी महाराज की आत्मकथा के कुछ अंश सुना करते थे जिसमे उन्होंने स्वयम लिखा है कि किस प्रकार 'भगवद्गीता'के चौथे अध्याय के 34वे श्लोक के एक शब्द पर उनका मन ठहर गया।
प्रस्तुत है परम् पूज्य गुरुदेव श्री चच्चा जी महाराज की आत्मकथा के कुछ अंश उन्ही के शब्दों में -
🌻"एक दिन प्रातः जब मै भगवद्गीता के चौथे अध्याय का पाठ कर रहा था तो उसके 34वे श्लोक का पर मेरा मन अटक गया-
तद् विद्धि प्रणिपातेन परिप्रश्नेन सेवया।
उपदेक्ष्यन्ति ते ज्ञानं ज्ञानिनस्तत्वदर्शिनः।
(तत्वदर्शी सत्पुरुषो को विनम्रता पूर्वक दण्डवत प्रणाम करके,तथा प्रश्न करके उस तत्वज्ञान को जान । वे तत्वदर्शी ज्ञानीजन तुमको उस तत्व ज्ञान का उपदेश देंगे) 
मै समझता था कि भक्त के सब लक्षण मुझ में है।अब तत्व कौन सी बात है जो मुझे तत्वदर्शिनः बताएंगे।मेरी शंका का समाधान नही हुआ।
प्रातःकाल गीता पाठ के बाद मै घूमने जाया करता था वहाँ प्रायः एक डॉक्टर से मेरी बात होती थी।मैंने उनसे इसके बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि इसका उत्तर स्वयम आपके पास है।
मैंने कहा कैसे?
तो बताने लगे कि आप ही तो कह रहे है कि जब तू सन्त महात्मा के पास जायेगा तो वे तेरी सेवा से प्रसन्न होकर तुमको तत्व की बात बताएंगे।
बताइये क्या आप सन्तों की सेवा कर चुके है।मैंने कहा मैंने तो किसी सन्त की सेवा नही की।कहने लगे कि यदि आपको तत्व की बात जाननी है तो सन्त के पास जाकर उनकी सेवा कीजिये जिससे वे प्रसन्न होकर आपको तत्व की बात बताये।".........................
.पूज्य चच्चा जी ने अपनी आत्मकथा में आगे लिखा है कि उन्ही डॉक्टर साहब ने बताया कि गृहस्थ आश्रम में एक बहुत बड़ेे सन्त है आप उनसे मिलिए।
उनके बारे में पूछने पर डॉक्टर साहब ने बताया कि उनका नाम 'श्री रामचन्द्र 'है वे फतेहगढ़ में रहते है।.".................
इस प्रकार पूज्य गुरुदेव श्री चच्चा जी महाराज अपने गुरुदेव श्री रामचन्द्र जी महाराज (लालाजी महाराज)की शरण में पहुँचे।
🌻*🌷परम् पूज्य गुरुदेव सब पर कृपा करे।🌷*🌻
🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻(क्रमशः)🌻🌻🌻🌻🌻🌻

2 comments:

  1. सदगुरु भगवान के श्री चरणों में सादर कोटि प्रणाम।सदा सर्वदा चरण शरण रहे मालिक।

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  2. सदगुरु भगवान के श्री चरणों में सादर कोटि प्रणाम।सदा सर्वदा चरण शरण रहे मालिक।

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