🌻"परम् पूज्य पापाजी कहा करते थे कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने स्वभाव और व्यवहार में शोधन करते रहना चाहिए।इसके लिए पूज्य गुरुदेव के उपदेश ,जो सदाचार पर आधारित है ,उनको जीवन में उतारने से व्यक्ति के आचरण एवम् व्यवहार पर स्वतः ही शोधन होने लगता है।इसी सन्दर्भ में आज पुनः पूज्य गुरुदेव के उपदेश के कुछ अंश प्रस्तुत है जो गृहस्थ आश्रम के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होंगे।
🌻"स्वयम भूल चूक तथा अनुचित व्यवहार होने पर शीघ्र से शीघ्र समय मिलने पर एकांत में बैठकर गायत्री या राम नाम मन्त्र अथवा जिसका जो अभ्यास हो उसके द्बारा तुरन्त प्रायश्चित करे और भविष्य में ऐसी भूलचूक न होने के लिए ईश्वर से हार्दिक प्रार्थना करके जिसके प्रति भूलचूक तथा अनुचित व्यवहार हुआ हो उससे करुणामय नम्रता पूर्वक क्षमा माँगे।"
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