

















अतः प्रत्येक साधक को यह विश्वास रखना चाहिए कि उसके गुरुदेव/इष्टदेव मानसिक रूप से हर समय उसके साथ है और उसकी रक्षा करते है और सदैव करते रहेंगे।
पूज्य गुरुदेव के भक्त और प्रेमीजनों को ऐसे अनुभव होते है कि आपातकाल में गुरुदेव ने प्रकट होकर स्वयम रक्षा की अथवा किसी अन्य व्यक्ति के माध्यम से उस समय प्रकट होकर रक्षा की ।
इस सम्बन्ध में पूज्य गुरुदेव के भक्तो के संस्मरण भी समय समय पर प्रस्तुत किये जा रहे है।
अन्त में मै सभी से यह कहना चाहता हूँ कि अपने गुरुदेव में पूर्ण श्रद्धा विश्वास रखते हुए उनके बताये हुए मार्ग पर चलते हुए अपनी साधना करते रहे।"
पूज्य गुरुदेव के भक्त और प्रेमीजनों को ऐसे अनुभव होते है कि आपातकाल में गुरुदेव ने प्रकट होकर स्वयम रक्षा की अथवा किसी अन्य व्यक्ति के माध्यम से उस समय प्रकट होकर रक्षा की ।
इस सम्बन्ध में पूज्य गुरुदेव के भक्तो के संस्मरण भी समय समय पर प्रस्तुत किये जा रहे है।
अन्त में मै सभी से यह कहना चाहता हूँ कि अपने गुरुदेव में पूर्ण श्रद्धा विश्वास रखते हुए उनके बताये हुए मार्ग पर चलते हुए अपनी साधना करते रहे।"


















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