***~ॐ~***
*श्री गुरुवे नमः*
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६०/१२४ - प्रत्येक मनुष्य को कुछ उपयोगी कार्य नित्य प्रति अवश्य करते रहना चाहिए । बेकार रहने से मनुष्य दूसरों के अवगुण और दोषों को देखते रहने का अभ्यासी बन जाता है जिसके कारण वह स्वयं दोषी व दुराचारी बन जाता है ।
ऐसे मनुष्यो को प्रायश्चित का साधन करते हुए अपने कल्याण तथा उध्दार के लिए श्री भगवान् की उपासना तथा सत्संग नित्य प्रति अवश्य करते रहना चाहिए ।
- समर्थ सद्गुरु श्री श्री भवानी शंकर जी महाराज (पूज्य चच्चा जी), उरई ।
पूज्य गुरुदेव हम सब पर कृपा करे।
ॐ शांति शांति शांति।
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