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Monday, 19 September 2016

(भाग ४९/१२४) - "कर्त्तव्य पालन अवं सदाचार"


🌻🌻🌻🌻🌻
🌻***~ॐ~***🌻
🌻*श्री गुरुवे नमः*🌻
🌻*-🌷-🌷-🌷-*


४९/१२४ दिन रात गृहस्थी के कामों में लिप्त रहने से मनुष्य के मन में बुरी भावनाएं उठती रहती हैं । 
जो धीरे धीरे हृदय में अपना हर करके सत्संग तथा महात्माओं के प्रति अरुचि पैदा कर देती है ।

- समर्थ सद्गुरु श्री श्री भवानी शंकर जी महाराज (पूज्य चच्चा जी), उरई । 

🌻*🌷*पूज्य गुरुदेव हम सब पर कृपा करे।
🌻🌻🌻 ॐ शांति शांति शांति।🌻🌻🌻
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