***~ॐ~***
*श्री गुरुवे नमः*
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५२/१२४ - जिस स्थान पर श्री भगवान की कथा, कीर्तन, सत्संग तथा ज्ञानचर्या हो रही हो वहां बातचीत करना तथा कानाफूसी करना पाप है ।
- समर्थ सद्गुरु श्री श्री भवानी शंकर जी महाराज (पूज्य चच्चा जी), उरई ।
पूज्य गुरुदेव हम सब पर कृपा करे।
ॐ शांति शांति शांति।
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