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Friday, 23 September 2016

(भाग ५३/१२४) - "कर्त्तव्य पालन अवं सदाचार"


🌻🌻🌻🌻🌻
🌻***~ॐ~***🌻
🌻*श्री गुरुवे नमः*🌻
🌻*-🌷-🌷-🌷-*


५३/१२४ सज्जनों की सांगत से कभी दूर न होना चाहिए, विनयपूर्वक उनका सम्मान करना चाहिए । सज्जन के ह्रदय-कमल की रज फैलकर शीघ्र ही उसके पास बैठने वाले के सब पाप नष्ट कर देती है । 

- समर्थ सद्गुरु श्री श्री भवानी शंकर जी महाराज (पूज्य चच्चा जी), उरई । 

🌻*🌷*पूज्य गुरुदेव हम सब पर कृपा करे।
🌻🌻🌻 ॐ शांति शांति शांति।
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