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Sunday, 11 September 2016

(भाग ४१/१२४) - "कर्त्तव्य पालन अवं सदाचार"

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🌻***~ॐ~***🌻
🌻*श्री गुरुवे नमः*🌻
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४१/१२४ -  स्वार्थवश स्वधर्म तथा लज्जा का त्याग न करना चाहिए । कुत्सित कर्मों का त्याग करना ही लज्जा है । लेकिन लज्जा ही लज्जा नहीं है । 
- समर्थ सद्गुरु श्री श्री भवानी शंकर जी महाराज (पूज्य चच्चा जी), उरई । 

🌻*🌷*पूज्य गुरुदेव हम सब पर कृपा करे।
🌻🌻🌻 ॐ शांति शांति शांति।🌻🌻🌻
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