अध्यात्म विज्ञान में "समाधि" चित्त की विशिष्ट
अवस्था है, विविध
दार्शनिक, धार्मिक, पौराणिक एवम्
भक्ति-ग्रंथों में "समाधि" का बहुविध
उल्लेख किया गया
है । समाधि
की अवस्था में
विरले योगीजन तप-साधना और सद्गुरु
की कृपा से
ही पहुँच पाते
हैं । समाधि
में स्थित होने
पर योगी ब्रह्म
से साक्षात्कार कर
सृष्टि के समस्त
रहस्य को जान
लेते हैं ।
ये योगी ही
सच्चे संत और
समर्थ सद्गुरु होते
हैं जो अपने
शिष्यों, शरणागतों और भक्तों
का हर प्रकार
से कल्याण करते
हुए उन्हें भी
सहज रूप से
योग की उस
उच्च अवस्था तक
ले आते हैं
जो सामान्य जन
के लिये दुर्लभ
होती है ।
ये सच्चे संत
और समर्थ सद्गुरु
जब अपनी भौतिक
देह को त्याग
कर परम तत्व
से एकाकार होते
हैं तो भक्त
जन इस अवस्था
को "महासमाधि" कहते
हैं, महासमाधि प्राप्त
संत जनों की
देह जिस स्थल
पर पंचतत्वों में
लय होती है
उस स्थान पर
बने स्मारक को
ही "समाधि-स्थल" कहते हैं ।
वर्तमान में समाधि
शब्द रूढ़ हो
कर हर किसी
के स्मारक के
लिये प्रयुक्त होने
लगा है जो
उचित नहीं है,
वस्तुतः समाधि-स्थल उन
संतों-योगियों/सिद्ध
पुरूषों के स्मारक-स्थल ही
होते हैं जो
समाधि अवस्था तक
पहुँचे होते हैं
।
संतों के समाधि-स्थल तीर्थों
की तरह पवित्र
एवम् पूज्य होते
हैं । सांसारिक
दृष्टि से संत
जन अवश्य हम
सब के मध्य
से तिरोहित हो
जाते हैं पर
वस्तुतः वे कहीं
जाते नहीं है
वे कैवल्य प्राप्त
करके ब्रह्म रूप
हो जाते हैं
और भक्तों के
योग-क्षेम का
वहन करते हैं
। ब्रह्म स्वरूप
संत-सद्गुरु अपनी
सूक्ष्म शक्तियों के साथ
समाधि-स्थल पर
आने वाले अपने
शिष्यों, भक्तों और श्रद्धालु
जनों पर सतत
अपनी दिव्य कृपा
की वर्षा करते
रहते हैं ।
सद्गुरु का समाधि-स्थल एक
स्मारक मात्र न होकर
साक्षात गुरु का
धाम होता है
। यहाँ पर
सच्चे भाव से
किया गया निवेदन
सद्गुरु अवश्य सुन लेते
हैं, समाधि-स्थल
पर सदा ही
गुरु-कृपा की
रश्मियों का प्रकाश
प्रवाहमान रहता है
अतः यहाँ बैठकर
साधना करना/ध्यान
लगाना सद्गुरु की
सामीप्य में बैठ
कर साधना करने
के समान आनन्ददायी
होता है ।
भक्ति मार्ग पर
बढ़ने के आकांक्षी
लोगों को संतों
की समाधि-स्थल
का दर्शन तो
करते ही रहना
चाहिए, साथ ही
वहाँ होने वाले
प्रार्थना-संकीर्तन, भजन, ध्यान
के आयोजनों में
भी पूर्ण मनोयोग
से सम्मिलित होना
चाहिये । ऐसा
करने से वे
निश्चित ही संत-सद्गुरु की कृपा
के अधिकारी बनेंगे
तथा सांसारिक क्लेशों
से मुक्ति का
मार्ग सुलभ हो
जायेगा ।
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