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Wednesday, 8 November 2017

अपने इष्टदेव के चित्र उनकी विभिन्न चेतन स्वरूप छवियों को प्रतिबिम्बित करते है।

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🌻***~ॐ~***🌻
🌻*श्री गुरुवे नमः*🌻
🌻*-🌷-🌷-🌷-*🌻
🌻"परम् पूज्य पापाजी कहा करते थे कि-

🌻"अपने इष्टदेव के चित्र उनकी विभिन्न चेतन स्वरूप छवियों को प्रतिबिम्बित करते है।किसी एक छवि में रमने या उस छवि को अपने ऊपर धारण करने एवम् उतारने की स्थिति में इष्टदेव का ज्ञान एवम् शक्ति सहज ही साधक को अपनी दिव्य शक्तियो से ओत प्रोत करने लगती है।

पूज्य गुरुदेव अपने निवास स्थान पर सुबह शाम सत्संग कराते थे।वे निश्चित समय पर अभ्यास करने पर बल दिया करते थे क्योकि निश्चित समय पर बड़े बड़े सन्तों को उस समय की जानकारी होती है और उस समय वायुमण्डल में आध्यात्मिक शक्ति का प्रवाह होता रहता है जिससे साधक को दुर्लभ लाभ प्राप्त होता है।

जिस समय सत्संग होता था और चच्चा जी महाराज ध्यान केंद्रित करते थे तो सबकी मनःस्थिति उनके सामने प्रत्यक्ष रूप से आ जाती थी।
सबकी समस्याएं या कठिनाइयों का निदान सामूहिक रूप से बिना किसी का नाम लिए करते थे जिससे हर एक को अपनी समस्या का हल मिल जाता था।पूज्य गुरुदेव सब पर कृपा करे।"🌻
🌻*🌷परम् पूज्य गुरुदेव सब पर कृपा करे।🌷*🌻
🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻(क्रमशः)🌻🌻🌻🌻

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