
















पूज्य गुरुदेव अपने निवास स्थान पर सुबह शाम सत्संग कराते थे।वे निश्चित समय पर अभ्यास करने पर बल दिया करते थे क्योकि निश्चित समय पर बड़े बड़े सन्तों को उस समय की जानकारी होती है और उस समय वायुमण्डल में आध्यात्मिक शक्ति का प्रवाह होता रहता है जिससे साधक को दुर्लभ लाभ प्राप्त होता है।
जिस समय सत्संग होता था और चच्चा जी महाराज ध्यान केंद्रित करते थे तो सबकी मनःस्थिति उनके सामने प्रत्यक्ष रूप से आ जाती थी।
सबकी समस्याएं या कठिनाइयों का निदान सामूहिक रूप से बिना किसी का नाम लिए करते थे जिससे हर एक को अपनी समस्या का हल मिल जाता था।पूज्य गुरुदेव सब पर कृपा करे।"


















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