🌻" परम् पूज्य गुरुदेव श्री चच्चा जी महाराज ने अपने अमृतवचन (कर्तव्य पालन और सदाचार)में कहा हैे कि-
🌻"आध्यात्मिक अभ्यास तथा श्री भगवान की पूजा करने में जिस साधन से शांति व् आनन्द प्राप्त हो उसको नई प्रथा तथा सभ्यता के पुरुषो की देखा देखी अथवा किसी के कहने सुनने पर कदापि नही छोड़ देना चाहिए।यदि उनसे उत्तम ज्ञान मिलता हो तो उसे अपने में मिला लेना चाहिए ।"
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