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Tuesday, 5 September 2017

आध्यात्मिक अभ्यास तथा श्री भगवान की पूजा करने में जिस साधन से शांति व् आनन्द प्राप्त हो उसको नई प्रथा तथा सभ्यता के पुरुषो की देखा देखी अथवा किसी के कहने सुनने पर कदापि नही छोड़ देना चाहिए

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🌻***~ॐ~***🌻
🌻*श्री गुरुवे नमः*🌻
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🌻" परम् पूज्य गुरुदेव श्री चच्चा जी महाराज ने अपने अमृतवचन (कर्तव्य पालन और सदाचार)में कहा हैे कि-
🌻"आध्यात्मिक अभ्यास तथा श्री भगवान की पूजा करने में जिस साधन से शांति व् आनन्द प्राप्त हो उसको नई प्रथा तथा सभ्यता के पुरुषो की देखा देखी अथवा किसी के कहने सुनने पर कदापि नही छोड़ देना चाहिए।यदि उनसे उत्तम ज्ञान मिलता हो तो उसे अपने में मिला लेना चाहिए ।"🌻
🌻*🌷परम् पूज्य गुरुदेव सब पर कृपा करे।🌷*🌻
🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻(क्रमशः)🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻

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