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Saturday, 2 September 2017

शिष्य का एक ही धर्म ,एक ही व्रत और एक ही नियम है

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🌻***~ॐ~****🌻
🌻*श्री गुरुवे नमः*🌻
🌻*🌷*🌷*🌷*🌻
🌻"परम् पूज्य पापाजी "गुरु शिष्य के बारे में बताते हुए" यह चौपाई कहा करते थे कि–
🌻"एकहि धर्म एक व्रत नेमा,
काय वचन मन पति पद प्रेमा।
अर्थात जिस तरह सती स्त्री का एक ही धर्म ,व्रत और नियम है कि मन वचन कर्म से पति की सेवा,ठीक उसी प्रकार शिष्य का एक ही धर्म ,एक ही व्रत और एक ही नियम है शरीर से ,मन से एवम् वचन से उसका अपने गुरु के चरणों में अनन्य प्रेम हो।"🌻
🌻*🌷परम् पूज्य गुरुदेव सब पर कृपा करे।🌷*🌻
🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻(क्रमशः)🌻🌻🌻

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