***~ॐ~***
*श्री गुरुवे नमः*
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२/१२४ स्वयं भूल चूक तथा अनुचित व्यवहार होने पर शीघ्र से शीघ्र समय मिलने पर एकांत में बैठकर गायत्री या राम नाम मंत्र अथवा जिसका जो अभ्यास हो उसके द्वारा तुरंत प्रायश्चित करें, और भविष्य में ऐसी भूल चूक न होने के लिए ईश्वर से हार्दिक प्रार्थना करके , जिसके प्रति भूल चूक तथा अनुचित व्यवहार हुआ हो उससे करुणामय नम्रतापूर्वक क्षमा मांगे ।
- समर्थ सद्गुरु श्री श्री भवानी शंकर जी महाराज (पूज्य चच्चा जी), उरई ।
ॐ शांति शांति शांति।
🌹🌹🌹🌹🌹 * *पूज्य गुरुदेव हम सब पर कृपा करे।
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