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Sunday, 21 August 2016

(भाग २०/१२४) - "कर्त्तव्य पालन अवं सदाचार"

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🌻***~ॐ~***🌻
🌻*श्री गुरुवे नमः*🌻
🌻*-🌷-🌷-🌷-*


२०/१२४ -  जैसे जैसे मनुष्य के पास धन बढ़ता जाता है, वैसे वैसे उसमे सद्गुण नष्ट होते जाते हैं और वह दयाशून्य होकर कातर व दुखी आत्माओं से सीधी बात नहीं करता, उसको उनके दुःख नेत्रों से दिखाई नहीं पड़ते, उनकी दीन हीन पुकार उसको सुनाई नहीं पड़ती। 

- समर्थ सद्गुरु श्री श्री भवानी शंकर जी महाराज (पूज्य चच्चा जी), उरई । 

🌻*🌷*पूज्य गुरुदेव हम सब पर कृपा करे।
🌻🌻🌻 ॐ शांति शांति शांति।🌻🌻🌻
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