🌻"परम् पूज्य गुरुदेव श्री चच्चा जी महाराज ने अपने अमृत वचनो में कहा है कि-
🌻"जिस तरह उपाय करने पर लकड़ी से अग्नि और दूध से घी निकलता है उसी प्रकार सत्संग ,सन्तों की कृपा तथा अभ्यास व साधन से आत्मपद तथा ईश्वरभक्ति की प्राप्ति होती है।"
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पूज्य पापाजी भी यही कहते थे कि अध्यात्म मार्ग पर चलने वाले प्रत्येक साधक को पूज्य गुरुदेव द्वारा बताये हुए मार्ग पर चलते हुए अभ्यास नियमित समय पर करते रहना चाहिए।
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