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Wednesday, 28 February 2018

पूज्य चच्चा जी ने फरमाया कि संसार में ईश्वरीय विद्या के तमाम स्कूल है

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🌻***~ॐ~***🌻
🌻*श्री गुरुवे नमः*🌻
🌻*🌷*🌷*🌷*🌻
🌻"परम् पूज्य गुरुदेव श्री चच्चा जी महाराज के 
🌻"दिव्य वचनो की श्रृंखला की –
🌻"आठवी कड़ी"🌻
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🌻"पूज्य चच्चा जी ने फरमाया कि संसार में ईश्वरीय विद्या के तमाम स्कूल है।तमाम सन्त महात्मा मौजूद है जो इसको सिखाते है।
यह हमारा काम है कि हमको किस लाइन पर काम सीखना है हम वैसे ही महात्मा के पास जाये।अगर ज्ञान मार्ग सीखना है तो वैसे महात्मा के पास जाये अगर भक्ति मार्ग सीखना है तो वैसे महात्मा के पास जाये।
भक्ति के यह माने नही है कि हमने सुबह शाम ठाकुर जी की पूजा की भोग वगैरह लगाया।भक्ति के यह माने है कि हम सब संसार को ईश्वरमय देखे और हम दास हो करके सबकी सेवा करे इसको भक्ति कहते है..................(क्रमशः)"🌻
🌻*🌷परम् पूज्य गुरुदेव सब पर कृपा करे।🌷*🌻
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Tuesday, 27 February 2018

अक्सर लोग यह शिकायत किया करते है कि पूजा के वास्ते हम बैठते है और करते है मगर हमारा चित्त नही लगता है और तमाम ख्याल आते है

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🌻***~ॐ~***🌻
🌻*श्री गुरुवे नमः*🌻
🌻*🌷*🌷*🌷*🌻
🌻"परम् पूज्य गुरुदेव श्री चच्चा जी महाराज के 
🌻"दिव्य वचनो की श्रृंखला की –
🌻"सातवी कड़ी"🌻
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🌻"पूज्य गुरुदेव ने आगे बताया कि–
🌻"अक्सर लोग यह शिकायत किया करते है कि पूजा के वास्ते हम बैठते है और करते है मगर हमारा चित्त नही लगता है और तमाम ख्याल आते है।
इसकी वजह यह है कि दरअसल में हमारी तबियत उस तरफ पूरी तौर से रुजू नही हुई है या हमको उस तरफ शौक नही है।
क्योकि यह देखने में आया है कि कोई आदमी जुआ या ताश खेल रहा है और उसकी तबियत उसमे खूब लग रही है तो उस वक्त उसको खाने पीने वगैरह की भी परवाह नही रहती।
अगर उस वक्त उससे कोई कहे की तुम्हारे माता पिता ने तुमको बुलाया है तो वह कहेगा कि थोड़ी देर में मैं आता हूँ।
इससे यह मालूम होता है कि वाकई में हमको ईश्वर से मिलने की चाह तबियत से नही है।अगर है तो हमको फिर कोई शिकायत का मौका नही है।"🌻(क्रमशः)
🌻*🌷परम् पूज्य गुरुदेव सब पर कृपा करे।🌷*🌻
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